केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं की प्रायोगिक परीक्षा देने के लिए छात्रों को स्कूल यूनिफार्म में जाना होगा। बोर्ड के इस नियम से फ्लाइंग छात्रों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। अब छात्र और उनके अभिभावक स्कूल का नाम और वहां के यूनिफार्म की जानकारी लेने में लगे हैं। दरअसल फ्लाइंग छात्रों को जब बोर्ड परीक्षा का एडमिट कार्ड मिलता है तभी उन्हें स्कूल की जानकारी भी होती है। ऐसे में अंतिम समय में मुश्किलें न हों, इसके लिए अभी से ही अभिभावक स्कूलों से वहां की जानकारी लेकर यूनिफार्म तैयार कर रहे हैं। ज्ञात हो कि प्रदेश भर के नॉन एफिलिएटेड स्कूल सीबीएसई के स्कूलों (मान्यता प्राप्त) से साठगांठ कर अपने छात्रों का परीक्षा फार्म भरवाते हैं। एक स्कूल के छात्र कई स्कूलों से फॉर्म भरते हैं।
इन स्कूलों के छात्रों को पता नहीं होता कि उनका फॉर्म किस स्कूल से भरवाया गया है। जब बोर्ड एडमिट कार्ड देता है फिर उन्हें उनके स्कूल का नाम का पता चलता है। ऐसे छात्रों की संख्या हजारों में होती है। होम सेंटर खत्म होने से छात्रों को प्रायोगिक परीक्षा दूसरे सेंटर पर जाकर देनी होगी। एक सेंटर पर पांच से छह स्कूलों के छात्र होंगे। ऐसे में छात्र को चिह्नित करने के लिए यूनिफार्म में प्रायोगिक परीक्षा में शामिल होने का निर्देश दिये गये हैं। जो छात्र यूनिफार्म में नहीं होंगे, उन्हें प्रायोगिक परीक्षा नहीं देने दिया जायेगा।
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