Wednesday, 24 January 2024

75वां गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2024

इस बार 26 जनवरी को देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। यानी हमारा देश अब गणतंत्र के रूप में 76 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन 75 वें गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि होंगे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्त्तव्य पथ पर देश की सांस्कृतिक विविधता में एकता, अखंडता और सैन्य ताकत की झलक दिखाई देगी। दिन 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान अपनाया गया था और भारत गणतंत्र बना था। 

समारोह की बात करें तो गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत में प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति (इंडिया गेट) पर पुष्प अर्पित करके वीर जवानों को श्रद्धांजली देते हैं। इसके बाद भारत के राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते हैं, वायुसेना, थलसेना और नौसेना के जवान आजादी की लड़ाई में शहीद सैनिकों को 21 तोपों की सलामी देते हैं।इसके बाद राष्ट्रगान होता हैऔर वीर चक्र, परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र और कीर्ति चक्र सहित अन्य अवॉर्ड के विजेताओं को अवॉर्ड दिए जाते हैं। राष्ट्रपति को सलामी देते हुए परेड शुरू होती है और इसमें तोपें, मिसाइलें, हथियार आदि को दिखाया जाता है।

स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा 26 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय ध्वज फहराए जानेके बाद भारत में गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया था।

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को इसलिए मनाते हैं, क्योंकि इस दिन साल 1930 में ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' ने ब्रिटिश हुकूमत से पूर्णस्वराज की घोषणा की थी।

source : hindustan

Constitution of India : 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर जानें संविधान की 15 खास बातें

Constitution of India , 75th Republic Day of India : 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। इस ऐतिहासिक दिन

की याद में हर वर्ष देश में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है| 

Constitution of India : 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया था। इस ऐतिहासिक दिन की याद में हर वर्ष देश में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। हमारा संविधान देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके सेअपनी सरकार चुनने का अधिकार देता है। यह संविधान ही है तो हमें मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है। देश की सरकार किन नियमों से चलेगी व बनेगी, उसकी शक्तियां व सीमाएं क्या होंगी, कानून कायदे क्या होंगे, इन सबका उल्लेख संविधान में ही होता है। संविधान से ही ये सारी व्यवस्था चलती है।

Constitution Day of India : यहां पढ़ें भारतीय संविधान की खास बातें

1. दो महीने बन चुका था संविधान

26 जनवरी को जो संविधान लागू किया गया लेकिन वह दो माह पहले 26 नवंबर को बनकर तैयार हो चुका था। 26 नवंबर को देश ने संविधान अपना लिया था। इसलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है।

2. दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। पूरा संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ था। 26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ था।

3. बैग ऑफ बोरोविंग - भारत के संविधान में कई देशों के संविधान की विशेषताओं को अपनाया गया है। भारत के संविधान को ‘Bag of Borrowings’ भी कहा जाता है क्योंकि इसके ज्यादातर प्रावधान अन्य देशों से लिए गए हैं। इसके कई हिस्से

यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिये गयेहैं। इसमें देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शक्तियों का वर्णन किया गया है। विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का क्या काम है, उनकी देश को चलाने में क्या भूमिका है, इन सभी बातों का जिक्र संविधान में है।

4. - टाइप नहीं हाथ से लिखी है संविधान की ऑरिजनल कॉपी

भारतीय संविधान की ये मूल प्रतियां टाइप या मुद्रित नहीं थीं। संविधान की असली कॉपी अंग्रेजी में प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखी थी। ये बेहतरीन कैलीग्राफी के जरिए इटैलिक अक्षरों में लिखी गई है। इसके हर पन्ने को शांति निकेतन (पश्चिम बंगाल) के कलाकारों राममनोहर सिन्हा और नंदलाल बोस ने सजाया था। 

5. कहां रखी हैं संविधान की प्रतियां

संविधान की हस्तलिखित प्रतियों को संसद के पुस्तकालय में हीलियम में रखा गया है। कांच से बने इन पारदर्शी मगर सीलबंद बक्सों में नाइट्रोजन भरी है, जो पांडुलिपि के कागज को खराब नहीं होने देती। येदोनों बॉक्स अमेरिका की एक कंपनी ने कैलिफोर्निया में बनाए थे।

6. कैसी दिखती है मूल प्रति

- 16 इंच चौड़ी है संविधान की मूल प्रति

- 22 इंच लंबे चर्मपत्र शीटों पर लिखी गई है

- 251 पृष्ठ शामिल थे इस पांडुलिपि मे

7. - संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखी गई थीं।

8. भारतीय संविधान की मूल संरचना भारत सरकार अधिनियम, 1935 पर आधारित है।

9. डॉ. भीमराव आंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता कहा जाता है। भारत के पहले कानून मंत्री डॉ. भीमराम अंबेडकर संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे।

10. भारतीय संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वर्णन संविधान के तीसरे भाग मेंअनुच्छेद 12 से 35 तक किया गया है

11. भारत के संविधान का निर्माण संविधान सभा द्वारा किया गया था। भारत की संविधान सभा ने संविधान के निर्माण से संबंधित विभिन्न कार्यों से निपटनेके लिये कुल 13 समितियों का गठन किया था।

12. 432 निब घिसीं

प्रेम बिहारी नारायण रायजादा को हाथ से संविधान लिखने में 6 महीने लगे और कुल 432 निब घिस गईं।

13. लिखने की कोई फीस नहीं ली

प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने संविधान लिखने की कोई फीस नहीं ली थी। उन्होंने हर पेज पर अपना नाम और अंतिम पेज पर अपने गुरु व दादा मास्टर राम प्रसाद सक्सेना का नाम लिखने की शर्त रखी थी।

14. संविधान की हिंदी कॉपी कैलीग्राफर वसंत कृष्ण वैद्य ने हाथ से लिखी है।

Source: https://www.livehindustan.com/career/story-constitution-of-india-on-republic-day-26-january-know-indian-constitution-important-points-for-speech-essay-9245936.html



Wednesday, 10 January 2024

Lal Bahadur Shastri's 58th death anniversary: India's second Prime Minister

Known to lead a life of simplicity, Lal Bahadur Shastri left behind a legacy of honesty and integrity. On his 58th death anniversary, a look at his top quotes.

An inspiring leader, politician and a man of principles, India's second Prime Minister Lal Bahadur Shastri left behind a rich legacy of honesty, integrity and humility, which is worth emulating. Born in Mughalsarai, Varanasi, Shastri not only shared his birth date with the Father of Nation but was also deeply influenced by his principles. His iconic slogan - Jai Jawan, Jai Kisan, which he coined to motivate both the soldiers and the farmers, when India went to war with Pakistan in 1965, is still fondly remembered. He served as India's PM between 1964-66.

Known to lead a life of simplicity and minimalism, Shastri and his family joined citizens in skipping a meal for weeks, in response to US's threat to cut supplies of wheat amid India-Pak war. Lal Bahadur Shastri breathed his last in Tashkent on January 11, 1966.

Top inspiring quotes by Lal Bahadur Shastri

Here are inspiring quotes by the leader on the occasion of his death anniversary:

1. We believe in peace and peaceful development, not only for ourselves but for people all over the world." 

2. We can win respect in the world only if we are strong internally and can banish poverty and unemployment from our country." 

3. India will have to hang down her head in shame if even one person is left who is said in any way to be untouchable.

4. I had always been feeling uncomfortable in my mind about giving advice to others and not acting upon it myself. 

5. Discipline and united action are the real source of strength for the nation. 

6. We believe in freedom, freedom for the people of each country to follow their destiny without external interference. 

7. We cannot afford to spend millions and millions over nuclear arms when there is poverty and unemployment all around us. 

8. There comes a time in the life of every nation when it stands at the crossroads of history and must choose which way to go. 

9. We believe in the dignity of man as an individual, whatever his race, colour or creed, and his right to better, fuller, and richer life.

10. We must fight for peace bravely as we fought in war.


Source: https://www.hindustantimes.com/lifestyle/festivals/lal-bahadur-shastris-58th-death-anniversary-10-inspiring-quotes-by-indias-second-prime-minister-101704894363878.html

राष्ट्रीय युवा दिवस 2024, 12 जनवरी

प्रतिवर्ष 12 जनवरी को आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई जाती है। स्वामी विवेकानंद युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। उनके बताए विचारों को अपनाकर जीवन को सरल और सफल बनाने में मदद मिल सकती है। इसी कारण विवेकानंद जी की जयंती को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद का पूरा जीवन ही सीख लेने योग्य है। 25 वर्ष की आयु में सांसारिक मोह माया त्याग कर वह संन्यासी बन गए। गुरु रामकृष्ण परमहंस को समर्पित रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।

एक बार अमेरिका के शिकागो में धर्म संसद का आयोजन हुआ तो हिंदी में भाषण देकर स्वामी विवेकानंद ने हर भारतीय का गौरव बढ़ाया। उनके विचारों को सफलता के मूलमंत्र के रूप में जीवन में आत्मसात किया जा सकता है।

भारत एक युवा देश है। हर वर्ष देश भर में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में मनाते हैं। इसके साथ ही स्वामी विवेकानन्द के जीवन और शिक्षाओं को युवाओं के बीच पहुंचाने का भी काम किया जाता है, जिससे उनके अंदर देशभक्ति की भावना को जगाया जा सके।

National Youth Day क्या है थीम

राष्ट्रीय युवा दिवस की इस बार थीम इट्स ऑल इन द माइंड, जिसका हिंदी में अर्थ है सब कुछ आपके दिमाग में है। विवेकानन्द की शिक्षा का मूल उद्देश्य युवाओं में नैतिक मूल्यों, शिक्षा और चरित्र विकास को बढ़ावा देने पर था 

National Youth Day क्या है इतिहास

भारत सरकार ने 1984 में स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाए जाने की घोषणा की। इसके अगले साल यानी कि 1985 से देश भर में हर वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की शुरुआत हुई। इसका उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के विचारों और आदर्शों को हर युवा तक पहुंचाना है। स्वामी विवेकानंद की कही बातों का युवाओं पर गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। भारत ही पश्चिमी दुनिया पर भी स्वामी विवेकानन्द ने हिंदू धर्म के पुनरुद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार।

जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।

किसी दिन जब आपके सामने कोई समस्या न आए, तो आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।

जो कुछ भी तुम्हें कमजोर बनाता है- शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक, उसे जहर की तरह त्याग दो।

जब तक जीना, तब तक सीखना। अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।

यह कभी मत कहो कि 'मैं नहीं कर सकता', क्योंकि आप अनंत हैं।

जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी

उठो, जागो और तबतक न रुको, जब तक तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते

एक समय में एक काम करो, ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकि सबकुछ भूल जाओ



Source: https://www.amarujala.com/