Wednesday, 10 January 2024

राष्ट्रीय युवा दिवस 2024, 12 जनवरी

प्रतिवर्ष 12 जनवरी को आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई जाती है। स्वामी विवेकानंद युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। उनके बताए विचारों को अपनाकर जीवन को सरल और सफल बनाने में मदद मिल सकती है। इसी कारण विवेकानंद जी की जयंती को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद का पूरा जीवन ही सीख लेने योग्य है। 25 वर्ष की आयु में सांसारिक मोह माया त्याग कर वह संन्यासी बन गए। गुरु रामकृष्ण परमहंस को समर्पित रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।

एक बार अमेरिका के शिकागो में धर्म संसद का आयोजन हुआ तो हिंदी में भाषण देकर स्वामी विवेकानंद ने हर भारतीय का गौरव बढ़ाया। उनके विचारों को सफलता के मूलमंत्र के रूप में जीवन में आत्मसात किया जा सकता है।

भारत एक युवा देश है। हर वर्ष देश भर में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में मनाते हैं। इसके साथ ही स्वामी विवेकानन्द के जीवन और शिक्षाओं को युवाओं के बीच पहुंचाने का भी काम किया जाता है, जिससे उनके अंदर देशभक्ति की भावना को जगाया जा सके।

National Youth Day क्या है थीम

राष्ट्रीय युवा दिवस की इस बार थीम इट्स ऑल इन द माइंड, जिसका हिंदी में अर्थ है सब कुछ आपके दिमाग में है। विवेकानन्द की शिक्षा का मूल उद्देश्य युवाओं में नैतिक मूल्यों, शिक्षा और चरित्र विकास को बढ़ावा देने पर था 

National Youth Day क्या है इतिहास

भारत सरकार ने 1984 में स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाए जाने की घोषणा की। इसके अगले साल यानी कि 1985 से देश भर में हर वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की शुरुआत हुई। इसका उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के विचारों और आदर्शों को हर युवा तक पहुंचाना है। स्वामी विवेकानंद की कही बातों का युवाओं पर गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। भारत ही पश्चिमी दुनिया पर भी स्वामी विवेकानन्द ने हिंदू धर्म के पुनरुद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार।

जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।

किसी दिन जब आपके सामने कोई समस्या न आए, तो आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।

जो कुछ भी तुम्हें कमजोर बनाता है- शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक, उसे जहर की तरह त्याग दो।

जब तक जीना, तब तक सीखना। अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।

यह कभी मत कहो कि 'मैं नहीं कर सकता', क्योंकि आप अनंत हैं।

जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी

उठो, जागो और तबतक न रुको, जब तक तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते

एक समय में एक काम करो, ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकि सबकुछ भूल जाओ



Source: https://www.amarujala.com/




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